छोटे कारोबारों के लिए बड़ी राहत: तरुनप्रीत सिंह सौंद

 

चंडीगढ़, 11 जुलाईः

पंजाब में कारोबार करने में आसानी को उत्साहित करने और छोटे कारोबारों पर नियमों सम्बन्धी पालना के बोझ को घटाने की दिशा में अहम कदम उठाते हुये पंजाब के श्रम मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने आज पंजाब विधान सभा में पंजाब दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठिान एक्ट, 1958 और पंजाब लेबर वैलफेयर फंड एक्ट, 1965 में कई प्रगतिशील संशोधनों का ऐलान किया है।

इन संशोधनों (पंजाब लेबर वैलफेयर फंड बिल, 2025 और पंजाब दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठिान बिल 2025) का मकसद कारोबारी सहूलतों और कर्मचारियों की भलाई के दरमियान संतुलन बनाना है।

मुख्य नुक्ते इस प्रकार हैंः-

1. छोटे कारोबारों पर नियमों की पालना के बोझ को घटाना और कारोबार करने में आसानी प्रदान करना। इसके अंतर्गत 20 कर्मचारियों तक रोज़गार देने वाले सभी अदारों को एक्ट के सभी उपबंधों से छूट दी जायेगी। हालाँकि, ऐसे सभी अदारों को एक्ट के लागू होने या कारोबार शुरू होने के छह महीनों के अंदर सम्बन्धित इंस्पेक्टर को जानकारी देनी होगी।

2. कर्मचारियों की कमाई में सुधार करना। एक तिमाही में ओवरटाइम 50 घंटों से बढ़ा कर 144 घंटे किया जा रहा है। इसके मुताबिक एक दिन में काम की मियाद 10 घंटों से बढ़ा कर 12 घंटे कर दी गई है जिसमें आराम करने के लिए अंतराल भी शामिल हैं। हालाँकि, दिन में 9 घंटे और हफ़्ते में 48 घंटों से अधिक काम के घंटों के लिए दोगुनी दर के साथ ओवरटाइम का भुगतान करना पड़ेगा।

3. 20 या अधिक कर्मचारियों वाले अदारों की रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन देने के 24 घंटों के अंदर डिमड मंजूरी की व्यवस्था करके रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सुचारू बनाया गया है।

4. सिर्फ 20 कर्मचारियों तक के अदारों की तरफ से जानकारी दी जानी है।

5. धारा 21 और 26 में प्रस्तावित जुर्माने को कम से कम 25 रुपए से 1000 रुपए और अधिक से अधिक 100 रुपए से 30,000 रुपए तक निर्धारित किया गया है।

6. किसी भी परेशानी से बचने और नियमों की पालना में सुधार करने के लिए समय देने के लिए, पहली और दूसरी उल्लंघना और फिर बाद में की उल्लंघनाओं के दरमियान तीन महीनों का समय दिया गया है।

7. अब तक फैक्टरीज एक्ट के अधीन रजिस्टर्ड सभी फ़ैक्टरियों के सभी कर्मचारी भलाई स्कीमों के लिए योग्य हैं। यह प्रस्तावित किया गया है कि उन उच्च वेतन वाले कर्मचारियों को भलाई स्कीमों से बाहर रखा जाना चाहिए जिनको एक्ट के अधीन भलाई स्कीमों के लाभों की ज़रूरत नहीं है या हकदार नहीं हैं। इसलिए कर्मचारियों की सिर्फ़ उस पूरी श्रेणी को इस एक्ट के अधीन भलाई स्कीमों के लिए कवर करने का प्रस्ताव है, जिनकें वेतनों का प्रबंध पेमेंट आफ वेज एक्ट 1936 के अधीन किया जाता है।

8. अदायगी न की गई जमा राशि सम्बन्धी कर्मचारियों के दावों के निपटारे के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। इससे इन दावों पर कार्यवाही करने की लागत और समय कम हो जायेगा जो कि अक्सर बहुत कम राशि के होते हैं। इसके इलावा, यदि अदायगी न की गई जमा राशि के लिए एक साल की मियाद के लिए कोई दावा नहीं किया जाता तो इस राशि को बोर्ड के लिए फंडों के स्रोत के तौर पर बरतने का प्रस्ताव दिया गया है।

9. कर्मचारियों के मासिक योगदान को 5 रुपए से बढ़ा कर 10 रुपए प्रति महीना और मालिकों की तरफ से योगदान को 20 रुपए से बढ़ा कर 40 रुपए प्रति महीना करने का प्रस्ताव है। इसके इलावा मौजूदा प्रबंध के अनुसार इस फंड को दो- वर्ष की बजाय तिमाही जमा करने का प्रस्ताव है। इससे बोर्ड की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा और बोर्ड को योजनाओं से सम्बन्धित अन्य लाभ देने के योग्य बनाया जायेगा और अदारों के लिए रिटरन फाइल करने के काम को घटाया जायेगा।

10. एक्ट के उपबंधों के किसी भी उल्लंघन या पालना न करने की सूरत में जुर्माना लगाने का प्रस्ताव दिया गया है क्योंकि मौजूदा एक्ट में जुर्माने लगाने सम्बन्धी ऐसा कोई उपबंध नहीं है। इस नये उपबंध से मालिकों की तरफ से पालना में सुधार होगा।

श्रम मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने कहा कि यह संशोधन मालिकों की कार्यशीलता में आसानी और श्रमिकों की भलाई दोनों को ध्यान में रख कर तैयार किये गये हैं। उन्होंने कहा, ‘मान सरकार का लक्ष्य कर्मचारियों के लिए न्यायपूर्ण और निष्पक्ष व्यवहार को यकीनी बनाते हुये कारोबार अनुकूल माहौल का सृजन करना है और यह सुधार इस दृष्टिकोण की तरफ एक अहम कदम हैं।’’

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