अहमदाबाद में 12 जून को एअर इंडिया विमान हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या हजारों में हो सकती थी। हालांकि, कैप्टन सुमित सभरवाल (56) की सूझबूझ की वजह से कई जानें बच गईं। सूत्रों के अनुसार, कैप्टन सुमीत काे जब ये अहसास हो गया कि वे विमान क्रैश होने से नहीं रोक सकेंगे तो उन्होंने जानबूझकर विमान को ऐसी जगह गिराया जहां नुकसान कम से कम हो।
बोइंग 787 विमान मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा। यह इलाका कम आबादी वाला था, लेकिन इसके चारों ओर घनी बस्ती और तीन बड़े अस्पताल हैं। विमान 3 सेकंड पहले या बाद में गिरता, तो तबाही बहुत बड़ी होती। क्रैश साइट के दाईं ओर मिलिट्री हॉस्पिटल है। आगे सिविल अस्पताल और थोड़ी दूरी पर गुजरात कैंसर सोसाइटी मेडिकल कॉलेज भी है।
अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट AI 171 टेकऑफ के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गई थी। इसमें 270 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर शामिल थे। एक यात्री इस हादसे में जिंदा बचा है।