पंजाब देश का पहला नशा मुक्त राज्य बनने की ओर अग्रसर : हरपाल सिंह चीमा

 

चंडीगढ़/ होशियारपुर, 21 अप्रैल

पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां ज़ोर देकर कहा कि ‘युद्ध नशों विरुद्ध” मुहिम के तहत पंजाब सरकार नशाखोरी को जड़ से खत्म करने के लिए ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति के अंतर्गत ज़मीनी स्तर पर हरसंभव प्रयास कर रही है और जल्द ही पंजाब को नशा मुक्त राज्य बना दिया जाएगा।

होशियारपुर ज़िले में इस सामाजिक अभिशाप को समाप्त करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा करते हुए वित्त मंत्री ने ज़िले में नशे के मामलों में 91 प्रतिशत दोष सिद्ध होने पर संतोष जताते हुए कहा कि वह दिन दूर नहीं जब पंजाब नशे से मुक्त हो जाएगा। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों और ज़िले के निवासियों से नशे के पूर्ण खात्मे के लिए एकजुट होकर कार्य करने की अपील की।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने नशों के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाई है और सामूहिक प्रयासों और प्रभावशाली क्रियान्वयन से इस सामाजिक समस्या पर काबू पाया जा सकता है।

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने सिविल और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे ठोस कदमों की जानकारी दी। स चीमा ने कहा कि नशे से संबंधित मामलों में 91% सराहनीय सज़ा दर के साथ होशियारपुर ज़िले ने नशा तस्करों के खिलाफ शानदार प्रयास किए हैं, जिसके तहत अब तक 179 एफआईआर दर्ज कर 271 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।

अभियान की सफलता के लिए लोगों की आवश्यक भागीदारी का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह इस लड़ाई का एक अहम पहलू है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा शुरू की गई ‘सेफ़ पंजाब मुहिम’ के तहत नागरिकों द्वारा उपलब्ध करवाई गई जानकारी के आधार पर ज़िले में अब तक 17 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जनता से प्राप्त योग्य गुप्त सूचना पर तेज़ी से कार्रवाई की जाती है।

इस संबंध में और जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि ज़िले में ‘ युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम ने महत्वपूर्ण गति पकड़ी है, जिसके तहत 527 संपर्क मीटिंग्स की गईं और 970 डिफेंस कमेटियों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के चलते नशे के खात्मे के लिए ज़मीनी स्तर पर कार्रवाई को और सशक्त बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 442 गांवों की पंचायतों ने इस नशा विरोधी पहल का समर्थन करते हुए प्रस्ताव पारित किए हैं।

उन्होंने कहा कि ज़िला प्रशासन द्वारा 18 प्रमुख हॉटस्पॉट्स की पहचान की गई है और अंतरराज्यीय नशा कारोबार को रोकने, विशेषकर पड़ोसी राज्य हिमाचल से, निगरानी को सख्त किया गया है। स चीमा ने कहा कि हिमाचल पुलिस के साथ एक संयुक्त ऑपरेशन भी शुरू किया गया है ताकि नशे के नेटवर्क को समाप्त करने के लिए अंतरराज्यीय समन्वय को और सुदृढ़ किया जा सके।

इस बात पर बल देते हुए कि अकाली-भाजपा शासन के दौरान पंजाब में नशों की बाढ़ आई और बाद में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कार्यकाल में भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पिछले तीन वर्षों से नशों के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं और नशा तस्करों को या तो पंजाब छोड़ने या यह धंधा बंद करने पर मजबूर होना पड़ा है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा राज्य सरकार पंजाब के भविष्य को नशीले पदार्थों के चंगुल से मुक्त कराने के अपने संकल्प पर अडिग है, ताकि राज्यवासियों को सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।

इससे पहले, डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन और एसएसपी संदीप कुमार मलिक ने वित्त मंत्री को ज़िले में ‘ युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम के तहत किए जा रहे प्रयासों के साथ-साथ नशा छुड़वाने और पुनर्वास के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल ने भी अधिकारियों से इस अभियान को और तेज़ करने का आह्वान किया ताकि नशा मुक्त पंजाब के लक्ष्य को सच्चे अर्थों में साकार किया जा सके।

इस अवसर पर विधायक ब्रह्म शंकर जिंपा, विधायक करमबीर सिंह घुम्मण, मेयर सुरिंदर कुमार, बैकफिन्को के चेयरमैन संदीप सैनी, सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीन सैनी, डिप्टी मेयर रंजीत चौधरी, ज़िला योजना समिति की चेयरपर्सन करमजीत कौर, नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन गुरविंदर सिंह लायन पाबला और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा होशियारपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए।
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा हुसैनपुर के ज़िला प्रशासनिक परिसर में ‘ युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम के अंतर्गत ज़िले के सिविल और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए।

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