स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने हैंडहेल्ड एक्स-रे मशीनों और फ्लोरोसेंट माइक्रोस्कोप के साथ लैस वैन को हरी झंडी देकर किया रवाना

 

चंडीगढ़, 15 अप्रैल

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सोच के अनुसार तपेदिक (टी.बी.) के ख़ात्मे के लक्ष्य की ओर महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज यहाँ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण निदेशालय से हैंडहेल्ड एक्स-रे मशीन और फ्लोरोसेंट माइक्रोस्कोप के साथ लैस अत्याधुनिक वैन को हरी झंडी देकर रवाना किया।

उल्लेखनीय है कि इंडियन ऑयल कॉर्पाेरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) ने अपनी कॉर्पाेरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी (सीएसआर) पहलकदमी के तहत, पीपल-टू-पीपल हेल्थ फाउंडेशन के सहयोग से पंजाब के स्वास्थ्य विभाग को दो हैंडहेल्ड एक्स-रे मशीनें और दो फ्लोरोसेंट माइक्रोस्कोप दान किए हैं।

आईओसीएल का धन्यवाद करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि ये मशीनें संगरूर और मलेरकोटला जिलों डायग्नोस्टिक क्षमताओं को और मजबूत करेंगी।

बिमारी का जल्दी पता लगाने की ज़रूरत पर जोर देते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि पंजाब में किए गए 2020-21 के सर्वेक्षण में 2.8ः1 का प्रीवलेंस-नोटिफिकेशन अनुपात सामने आया, जो कि स्क्रीनिंग प्रयासों में बढ़ोतरी की आवश्यकता को दर्शाता है। उल्लेखनीय है कि सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 40 फीसदी से अधिक नोटिफाई केस बिना लक्षण वाले थे और इनका पता एक्स-रे के माध्यम से लगाया गया था, जो इस डायग्नोस्टिक साधन की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है।

सेवाओं से वंचित आबादी तक पुरानी स्थिर एक्स-रे मशीनों की सीमित पहुँच को देखते हुए पंजाब द्वारा हैंडहेल्ड एक्स-रे तकनीक जैसे नवीनतम हल अपनाए गए हैं।

इन मशीनों की महत्ता को उजागर करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कम वजन वाली और आकार में छोटी ये मशीनें हाल ही में 100 दिनों की टीबी मुहिम के दौरान बहुत प्रभावशाली साबित हुईं। इन मशीनों के द्वारा क्षेत्र में लगभग 1.49 लाख एक्स-रे किए गए। आईओसीएल द्वारा मुहैया कराए गए दो फ्लोरोसेंट माइक्रोस्कोप के साथ-साथ इन दो नई हैंडहेल्ड यूनिटों के माध्यम से संगरूर और मलेरकोटला में स्वास्थ्य कर्मियों को व्यापक जांच करने और संवेदनशील समुदायों में टी.बी. के रोग का समय पर पता लगाने और उनका उपचार शुरू करने की भी सुविधा मिलेगी।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने पंजाब में टीबी के ख़ात्मे के मिशन के लिए इन मशीनों को हरी झंडी दिखाते हुए आईओसीएल और पीपल-टू-पीपल हेल्थ फाउंडेशन का उनके समर्थन के लिए धन्यवाद किया। ये हैंडहेल्ड एक्स-रे मशीनें टीबी जांच में महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाती हैं। कम वजन के कारण इन मशीनों को दूर-दराज के क्षेत्रों, फैक्ट्रियों जैसी कार्यस्थलों के साथ-साथ वृद्ध आश्रम, अनाथालय आदि जैसी संस्थाओं तक पहुँचाना आसान हो जाता है। इस प्रकार इन मशीनों की सहायता से टीबी के मामलों का जल्दी पता लगाया जा सकता है, जिससे बेहतर उपचार प्रदान करके समय पर कीमती जानों को बचाया जा सकता है।

स्वास्थ्य मंत्री ने टीबी संकट से निपटने के लिए जन-निजी सहभागिता की महत्ता पर जोर दिया और इस महत्वपूर्ण जन स्वास्थ्य मुद्दे पर आईओसीएल की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन नए संसाधनों का उपयोग संगरूर और मलेरकोटला में बड़ी आबादी की प्रभावशाली तरीके से जांच करने के लिए किया जाएगा, जिससे प्रदेश अपने टीबी के ख़ात्मे के लक्ष्य को और आसानी से पूरा कर सकेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने डब्ल्यूएचओ द्वारा सिफ़ारिश किए गए अनुसार एक्स-रे डायग्नोस्टिक्स को बढ़ाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमता को भी मान्यता दी ताकि जल्दी और अधिक सटीक परिणाम प्राप्त किए जा सकें।

इस अवसर पर एमडी एनएचएम घनश्याम थोरी, निदेशक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण डॉ. हितिंदर कौर, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएँ (परिवार कल्याण) डॉ. जसमिंदर, निदेशक (ईएसआई) डॉ. जसप्रीत कौर और राज्य टीबी अधिकारी डॉ. राजेश भास्कर भी उपस्थित थे।
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