सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और केंद्रीय कानून मंत्री ने समापन समारोह में विशेष रूप से भाग लिया

चंडीगढ़, 9 अप्रैल

चंडीगढ़ न्यायिक अकादमी में आज पीसीएस (जेबी) अधिकारियों (बैच 2024-25) के लिए इंडक्शन प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह यादगार रूप से संपन्न हुआ। उल्लेखनीय है कि पंजाब राज्य के इस बैच से संबंधित 137 न्यायिक अधिकारियों ने अपना एक वर्ष का आवासीय इंडक्शन प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।

समापन समारोह में भारत के सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायाधीश श्री राजेश बिंदल मुख्य अतिथि के रूप में तथा केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।

इस आयोजन में माननीय न्यायमूर्ति श्री शील नागू, मुख्य न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट एवं संरक्षक प्रमुख, चंडीगढ़ न्यायिक अकादमी; माननीय श्री न्यायमूर्ति संजीव प्रकाश शर्मा, अध्यक्ष, गवर्नर्स बोर्ड, चंडीगढ़ न्यायिक अकादमी; माननीय न्यायमूर्ति श्री गुरविंदर सिंह गिल, माननीय न्यायमूर्ति श्री अनिल क्षेत्रपाल, माननीय न्यायमूर्ति श्री महाबीर सिंह सिंधू और माननीय न्यायमूर्ति श्री विनोद भारद्वाज, गवर्नर्स बोर्ड के सदस्य विशेष रूप से उपस्थित थे।

समारोह में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के अन्य माननीय न्यायाधीशों ने भी भाग लिया और अपनी उपस्थिति से समारोह की शोभा बढ़ाई तथा न्यायिक सेवा में प्रवेश कर रहे प्रशिक्षुओं को आशीर्वाद दिया।

यह भी उल्लेखनीय है कि एक वर्ष का इंडक्शन प्रशिक्षण पूरा करने वाला यह पीसीएस (जेबी) अधिकारियों का 13वां बैच है। इस बैच में कुल 150 प्रशिक्षु अधिकारी शामिल थे, जिनमें 107 महिला और 43 पुरुष अधिकारी थे और यह अब तक का सबसे बड़ा बैच था। इनमें से 137 अधिकारियों – 96 महिला और 41 पुरुष – ने अपनी ट्रेनिंग सफलतापूर्वक पूरी की और आज उन्हें कंप्लीशन सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। शेष अधिकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम के अगले चरण में शामिल हैं और आवश्यक प्रशिक्षण अवधि सफलतापूर्वक पूरी होने पर उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।

नए नियुक्त पीसीएस (न्यायिक शाखा) अधिकारियों ने चंडीगढ़ न्यायिक अकादमी में एक वर्ष का व्यापक इंडक्शन प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा किया। यह 52 सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम अधिकारियों को आवश्यक न्यायिक ज्ञान, व्यवहारिक कौशल और संस्थागत अनुभव से लैस करने के लिए तैयार किया गया था।

इस कार्यक्रम में 26 सप्ताह की संस्थागत ट्रेनिंग, पुलिस थानों और नशा मुक%