पंजाब के वरिष्ठ अकाली नेता और पूर्व मंत्री रणधीर सिंह चीमा का 97 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के विश्वस्त सहयोगी थे। चीमा लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव करीमपुरा में किया जाएगा।
रणधीर सिंह चीमा ने बादल सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री के रूप में सेवा की। वे 1965 से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के सदस्य रहे। उनका पैतृक गांव करीमपुरा, बस्सी पठाना विधानसभा क्षेत्र में स्थित है।
विधायक बनने के बाद मिला मंत्री पद
पहले वह सरहिंद विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। इसी क्षेत्र से जीत के बाद उन्हें मंत्री पद मिला। बाद में यह क्षेत्र फतेहगढ़ साहिब और बस्सी पठाना में विभाजित हो गया। हाल ही में 9 मार्च 2024 को फतेहगढ़ साहिब में चीमा ने एसजीपीसी की आंतरिक कमेटी के जत्थेदारों को हटाने के फैसले का विरोध किया था।
रणधीर सिंह चीमा एसजीपीसी के सबसे पुराने सदस्य थे। उन्होंने और उनके बेटे जगदीप सिंह चीमा ने इस फैसले को वापस लेने की मांग की थी।