यह तो अभी शुरुआत है,  बहुत जल्द पंजाब बनेगा नशा मुक्त प्रदेश : डॉ. बलबीर सिंह

 

 

पटियाला/चंडीगढ़, 5 अप्रैल

पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज “युद्ध नशयां विरुद्ध” अभियान के तहत नशीली दवाओं के खिलाफ चल रही लड़ाई में बड़ी सफलताओं को साझा किया। पटियाला में मीडिया को संबोधित करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि अभियान निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुका है। इसके सशक्त क्रियान्वयन और मजबूत पुनर्वास कार्यक्रम के कारण पूरे राज्य में उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में पंजाब पुलिस ने 196 किलोग्राम हेरोइन, 55 किलोग्राम चरस और गांजा तथा भारी मात्रा में अवैध गोलियां, अफीम, भुक्की और सिंथेटिक ड्रग्स जब्त की हैं। विभिन्न कार्रवाइयों के दौरान लगभग 6 करोड़ रुपये ड्रग मनी जब्त की गई  है। वहीं एनडीपीएस के तहत 2,954 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 4,919 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।

डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि सामुदायिक समर्थन इस आंदोलन की रीढ़ बन गया है। ग्रामीण लोग और अभिभावक अब अपने क्षेत्रों में नशीली दवाओं के तस्करों की खुलेआम पहचान कर रहे हैं। भय अब आम लोगों से हटकर नशीली दवाओं के आपूर्तिकर्ताओं में स्थानांतरित हो गया है। उन्होंने बताया कि कई पंचायतों ने अपने गांवों को ‘नशा मुक्त’ घोषित करने के प्रस्ताव पारित किए हैं और माता-पिता सक्रिय रूप से अपने बच्चों को नशा मुक्ति केंद्रों में ला रहे हैं।

मंत्री ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्रों में रिकॉर्ड संख्या में लोग आ रहे हैं और नशे के आदी लोग स्वयं ही इससे उबर रहे हैं तथा नए कौशल भी सीख रहे हैं। उन्होंने कहा, “जो लोग कभी ड्रग डीलरों और नशेड़ियों से डरते थे, वे अब अपने बच्चों को बचाने के लिए एकजुट हो रहे हैं। यह एक सामाजिक परिवर्तन है।”

डॉ. बलबीर सिंह ने पाकिस्तान सीमा पार से मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए ड्रोन रोधी तकनीक के सफल उपयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “ड्रोन गतिविधियों में 70 प्रतिशत तक कमी आ चुकी है। अब जब ड्रोन पैकेट भी गिराता है, तो कोई उसे नहीं उठाता। उन्हें पुलिस कार्रवाई का डर रहता है।”

मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार नशे के आदी लोगों को अपराधी नहीं बल्कि मरीज के रूप में देखती है। हम नशामुक्ति, कौशल निर्माण और नौकरी प्रशिक्षण पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमने पटियाला, लुधियाना, अमृतसर, होशियारपुर, कपूरथला और अन्य जिलों में कई कौशल विकास केंद्र भी खोले हैं।

उन्होंने बताया कि किस प्रकार कई जिलों में इनडोर स्टेडियमों और फुटबॉल मैदानों में उन युवाओं की भागीदारी बढ़ रही है, जो पहले नशे की समस्या से जूझ रहे थे। अब माता-पिता भी अपने बच्चों के साथ खेल मैदान और पुनर्वास कार्यक्रमों में जा रहे हैं, जिसके कारण माहौल बदल रहा है।

डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि वह ऑनलाइन फार्मेसियों, ई-सिगरेट और वेपिंग का मामला केंद्रीय मंत्री के समक्ष उठाएंगे। हमने स्कूलों में एनर्जी ड्रिंक्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है और युवा नशे के खिलाफ शपथ ले रहे हैं। मंत्री ने कहा कि निजी और सरकारी दोनों स्कूलों के शिक्षक सक्रिय रूप से हमारा समर्थन कर रहे हैं।

डॉ. बलबीर सिंह ने मान सरकार की दोहरी रणनीति बताई कि नशा करने वालों का पुनर्वास करो, आपूर्तिकर्ता को खत्म करो। उन्होंने कहा, “जो लोग नशे के आदी हैं, उन्हें मदद, उपचार और रोजगार का मौका मिलेगा। वहीं जो नशा बेच रहे हैं, वे या तो पंजाब छोड़ देंगे या जेल जाएंगे। उनके पास अब कोई और विकल्प नहीं है।”

उन्होंने संदेश देते हुए कहा, “नशे के खिलाफ यह युद्ध रुकने वाला नहीं है। यह और भी तेज होगा। पहली बार नशे के खिलाफ आंदोलन को आमलोगों और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता मिल रही है। यह एक नए नशा मुक्त पंजाब की शुरुआत है।”

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