चंडीगढ़, 20 मार्च:
पंजाब सरकार के नशा विरोधी मुहिम ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ को भारी समर्थन देते हुए, प्रदेशभर की 3000 से अधिक पंचायतों ने नशों के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर, राज्य से नशे की समाप्ति के लिए पंजाब पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान को एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंचा दिया है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में चलाया जा रहा यह अभियान अब एक जन आंदोलन में बदल गया है, और प्रदेशभर के गांव एवं कस्बे पूरी निष्ठा और सक्रियता से इसका हिस्सा बन रहे हैं।
गौरतलब है कि नशा तस्करों के खिलाफ चल रही इस मुहिम के तहत पंजाब पुलिस ने डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के नेतृत्व में एक विशेष नशा विरोधी जागरूकता अभियान भी शुरू किया है, ताकि इस गंभीर समस्या के खिलाफ लड़ाई में आम जनता की आवश्यक एवं सशक्त भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए, विशेष डीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने बताया कि इस विशेष अभियान के तहत पुलिस कमिश्नरों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (सीपीज़/एसएसपीज़) को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में जनसंपर्क कार्यक्रम, छात्रों के साथ बैठकें एवं विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करें, ताकि आम जनता, युवाओं, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), क्लबों आदि को इस अभियान से जोड़ा जा सके।
उन्होंने बताया कि ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम की शुरुआत से अब तक 3022 पंचायतें नशे की लानत से निपटने, पुनर्वास प्रयासों को समर्थन देने और समाज से नशों को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस-जनता सहयोग का प्रमाण देते हुए प्रस्ताव पारित कर चुकी हैं।
विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला ने कहा कि जनता के भारी समर्थन ने पूरे प्रदेश में सख्ती से छापेमारी कर रही पंजाब पुलिस के प्रयासों को और अधिक मजबूती दी है।
उन्होंने बताया कि गुरुवार को 97 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया, 1.5 किलो हेरोइन, 100 ग्राम अफीम, 2 किलो गांजा और 1.86 लाख रुपये की ड्रग मनी बरामद की गई। पिछले 20 दिनों के दौरान कुल गिरफ्तारियों की संख्या 2463 तक पहुंच गई है, जो ड्रग नेटवर्क पर शिकंजा कसने की दिशा में की जा रही कार्रवाई को दर्शाती है।
विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला ने बताया कि 84 राजपत्रित अधिकारियों की निगरानी में 1300 से अधिक पुलिस कर्मियों वाली 200 से अधिक पुलिस टीमों ने प्रदेशभर में 440 स्थानों पर छापेमारी की और 58 एफआईआर दर्ज कीं। इसके अलावा, पुलिस टीमों ने दिनभर चले इस ऑपरेशन के दौरान 478 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच भी की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश को नशामुक्त करने के लिए तीन स्तरीय रणनीति – प्रवर्तन, नशामुक्ति और रोकथाम – लागू की गई है, जिसके तहत पंजाब पुलिस ने ‘नशा छुड़ाने’ के हिस्से के रूप में 7 व्यक्तियों को नशा छोड़ने और पुनर्वास हेतु इलाज के लिए राजी किया। वहीं, रोकथाम के तहत प्रदेशभर में 103 जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
गौरतलब है कि पंजाब पुलिस ने जेलों में अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए छह जिलों – होशियारपुर, एसबीएस नगर, जालंधर ग्रामीण, कमिश्नरेट जालंधर, कपूरथला और रूपनगर – की विभिन्न जेलों में तलाशी अभियान भी चलाया।
विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला ने कहा, “हमारी पुलिस टीमों ने जेल परिसरों में बैरकों, रसोईघरों और शौचालयों सहित कोने-कोने की गहन तलाशी ली है।”