सांसद राघव चड्ढा बोले- वित्त मंत्री ने तकनीकी शब्दजाल में उलझाकर मध्यम वर्ग को गुमराह करने की कोशिश की


नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की संसद में उनके ऊपर की गईं टिप्पणियों पर पलटवार किया है। सांसद राघव चड्ढा ने एक वीडियो जारी करके बताया कि कैसे वित्त मंत्री ने तकनीकी शब्दों का इस्तेमाल करके मिडिल क्लास को गुमराह करने और असली टैक्स मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश की है। साथ ही, राघव चड्ढा ने वित्त मंत्री से व्यक्तिगत हमलों से बचने की अपील भी की है।

राघव चड्ढा ने राज्यसभा में केंद्रीय बजट 2025-26 पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री द्वारा उन पर की गईं टिप्पणियों का कड़ा जवाब दिया। एक वीडियो संदेश जारी कर उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने उनकी बातों का मजाक उड़ाया और उन पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया, जबकि उन्हें राज्यसभा में अपनी स्थिति स्पष्ट करने का मौका नहीं दिया गया। इसलिए उन्होंने सीधे वीडियो के जरिए इस मुद्दे पर अपनी बात कही है।

वित्त मंत्री ने गंभीर मुद्दों को किया नजरअंदाज

राघव चड्ढा ने स्पष्ट किया कि उनके बजट भाषण में कई महत्वपूर्ण विषय शामिल थे। उन्होंने रेल यात्रियों की समस्याएं, मिडिल क्लास की खस्ता माली हालत, अमेरिकी प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ और गिरते भारतीय रुपये पर अपनी बात संसद में रखी थी। लेकिन वित्त मंत्री ने इन गंभीर मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया और केवल उनके द्वारा टैक्स छूट को लेकर दिए गए एक उदाहरण पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें उन्होंने आयकर छूट के गणित को समझाने की कोशिश की थी।

दरअसल टैक्स रिबेट है ये कर छूट

सांसद राघव चड्ढा ने कहा, “मैं अपनी बात पर पूरी तरह से कायम हूं। 12 लाख रुपये की छूट कोई कर छूट (tax exemption) या कटौती (tax deduction) नहीं है, बल्कि यह एक टैक्स रिबेट है। इसका मतलब यह है कि यदि कोई व्यक्ति वित्तीय वर्ष में 12 लाख से एक रुपया भी अधिक कमाता है, तो उसे पूरी आमदनी पर टैक्स देना होगा। वित्त मंत्री ने इस उदाहरण को तकनीकी रूप से मुश्किल बनाने की कोशिश की और यह दिखाने की कोशिश की, अगर कोई व्यक्ति 12 लाख से अधिक कमाता है, तो उसे पूरी आय पर कर देना होगा।”

13 लाख रुपये की आय पर देना होगा पूरा टैक्स

उन्होंने मार्जिनल टैक्स रिलिफ को भी स्पष्ट किया, जो सिर्फ  12.75 लाख तक की आमदनी पर ही लागू होती है। “उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति की सालाना इनकम 13 लाख रुपये है, तो क्या उसे पूरी 13 लाख रुपये की आय पर टैक्स देना होगा या केवल 1 लाख रुपये पर जो 12 लाख रुपये से अधिक है? सही उत्तर यह है कि उसे पूरी 13 लाख रुपये की आमदनी पर टैक्स देना होगा।”

एक और उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि “यदि किसी व्यक्ति की सालाना आय 12.76 लाख रुपये है, तो उसे पूरे 12.76 लाख रुपये पर कर देना होगा, न कि केवल 76,000 रुपये पर। मैंने यह उदाहरण टैक्स रिबेट के कॉन्सेप्ट को स्पष्ट करने के लिए दिया था और मैं अपनी बात पर कायम हूं कि यदि किसी की आय 12 लाख से एक रुपया भी अधिक होती है, तो उसे पूरी आमदनी पर टैक्स देना होगा।”

व्यक्तिगत टिप्पणियों से बचें वित्त मंत्री

राघव चड्ढा ने वित्त मंत्री द्वारा की गई व्यक्तिगत टिप्पणियों पर भी निराशा जताई। उन्होंने कहा, “उन्होंने मेरे बयान पर व्यक्तिगत टिप्पणी की। मैं बस यही कहना चाहता हूं कि मैं वित्त मंत्री का पूरा सम्मान करता हूं। वे मुझसे अधिक अनुभवी हैं, वरिष्ठ पद पर हैं और उम्र में भी मुझसे बड़ी हैं। मेरी बस यही अपील है कि भविष्य में वे इस तरह की व्यक्तिगत टिप्पणियों से बचें और सिंपल टैक्स कॉन्सेप्ट्स को तकनीकी रूप से मुश्किल न बना कर आसान भाषा में जनता के सामने पेश करें।”

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