पंजाब में उच्च-गुणवत्ता निर्माण को सुनिश्चित करने में लोक निर्माण विभाग की रिसर्च लैब निभा रही है अहम भूमिका: हरभजन सिंह ईटीओ

 

चंडीगढ़, 10 फरवरी

पंजाब के लोक निर्माण एवं बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने आज यहां बताया कि पंजाब लोक निर्माण विभाग की रिसर्च लैब ने विश्व स्तरीय निर्माण गुणवत्ता को सुनिश्चित करते हुए न केवल राज्य में उच्च स्तरीय निर्माण मानकों को कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान निर्माण कार्यों में प्रयुक्त सामग्री की जांच से लगभग 1.5 करोड़ रुपये का राजस्व भी अर्जित किया।

यह जानकारी साझा करते हुए लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा कि पंजाब लोक निर्माण (बी एंड आर) विभाग के अधीन यह लैब एकमात्र ऐसी सुविधा है, जो विभाग के अलावा स्थानीय निकाय, जल संसाधन विभाग, पंजाब अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (पुडा), पंचायती राज, पंजाब मंडी बोर्ड और स्टेट विजिलेंस को भी सेवाएं प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि इस लैब को वर्ष 2022 में नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेट्रीज़ (एन ए बी एल) से मान्यता प्राप्त हुई, जो दिसंबर 2028 तक वैध है। इस सरकारी लैब की मान्यता इसे और अधिक महत्वपूर्ण बना देती है। उन्होंने बताया कि यह प्रयोगशाला कुल 59 परीक्षणों के लिए एनएबीएल से प्रमाणित है।

लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि यह रिसर्च लैब उन्नत गैर-विनाशकारी परीक्षण उपकरणों से सुसज्जित है, जैसे कि फॉलिंग वेट डिफ्लेक्टोमीटर (एफ डबल्यू डी), अल्ट्रासोनिक पल्स वेलोसिटी (यू पी वी), न्यूक्लियर टेस्ट गेज और ट्रैफिक साइन चेकिंग टूल्स आदि।

लैब की क्षमताओं के बारे में जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि यह नींव के लिए मिट्टी के परीक्षण कराने और ईंटों, बजरी, रेत, सीमेंट, कंक्रीट, लकड़ी और सरिए सहित विभिन्न निर्माण सामग्रियों के मूल्यांकन के लिए पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने बताया कि यह लैब डेंस बिटुमिनस मैकडम (डी बी एम) और एस्फाल्ट कंक्रीट (ए सी) मिश्रणों को डिज़ाइन करने की विशेषज्ञता भी रखती है।

लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की विकास कार्यों की गुणवत्ता को उच्चतम स्तर पर बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए विभाग को अधिक से अधिक जांच करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, इन गुणवत्ता उपायों के बारे में जनता में जागरूकता पैदा करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।

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