अमेरिका ने जिन 104 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया है, उनमें पंजाब के शहर लुधियाना में कस्बा जगराओं की युवती मुस्कान भी है। मुस्कान को अमेरिकी सैनिकों ने यूएस-मेक्सिकों बार्डर की दीवार के पास पकड़ लिया। 10 दिन सैन्य कैंप में रखने के बाद उसे 104 लोगों के साथ भारत डिपोर्ट कर दिया गया।
मुस्कान परिवार ने जमीन बेच और कर्जा लेकर करीब 45 लाख रुपए खर्च करके मुस्कान को 5 जनवरी 2024 को इंग्लैेंड भेजा था जहां वह सीयू यूनिवर्सिटी में बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई करती थी।
सप्ताह में जब कुछ समय बचता तो होटल में काम करती। अभी मुस्कान का करीब 2 साल का वीजा पेडिंग है। मुस्कान मेक्सिको के तिजुआना में हवाई जहाज के जरिए घूमने के लिए गई थी। तिजुआना जहाज से उतरने पर उसका कोरोना टेस्ट व अन्य सभी फार्मेलिटी हुई। वहीं मैक्सिको बार्डर पर उसे अमेरिकी सैनिकों ने बार्डर क्रॉस के मामले में 40 लोगों के साथ पकड़ लिया।
सभी लोगों के हाथ बांधकर उन्हें अमेरिकी सैनिक सैन्य कैंप में ले गए। जहां उन्हें 10 दिन तक रखा। उन्हें बिना कुछ बताए अमेरिकी सैनिकों ने 5 फरवरी को अमृतसर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर छोड़ दिया। मुस्कान के घर वापस आने के बाद अब परिवार सदमे में है।
मुस्कान के परिवार में उसकी तीन छोटी बहनें है। वह परिवार में सबसे बड़ी है। परिवार को उम्मीद थी कि मुस्कान के विदेश में सेटल होने के बाद वह अपनी छोटी बहनों के भविष्य में अपने पास बुला लेगी। लेकिन ट्रंप सरकार ने परिवार के सपनों को तोड़ दिया। दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए मुस्कान ने सैन्य कैंप में रहे 10 दिन और 40 घंटे फ्लाइट के सफर को साझा किया।