दिल्ली विधानसभा चुनाव अपने चरम पर है। हर दल जनता का समर्थन पाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनता से बड़े-बड़े वादे किए हैं और बीजेपी पर सीधे आरोप लगाए हैं कि अगर उनकी सरकार नहीं बनी तो दिल्ली की जनता को मिलने वाली सुविधाएं बंद हो जाएंगी।
केजरीवाल के इस बयान का राजनीतिक मायना साफ है। वह अपने मतदाताओं को यह संदेश देना चाहते हैं कि झाड़ू का बटन दबाना न केवल आम आदमी पार्टी की जीत सुनिश्चित करेगा बल्कि उनके मुताबिक, इससे जनता के 30 हजार रुपये भी बचेंगे। वहीं, झुग्गीवासियों के लिए उनके भाषणों में यह भरोसा दिया गया है कि आम आदमी पार्टी की सरकार रहते उनकी झुग्गियां नहीं टूटेंगी।
लेकिन यह चुनाव सिर्फ वादों और दावों तक सीमित नहीं है। पानी का मुद्दा एक बार फिर सियासत का केंद्र बन गया है। जहां भाजपा ने दिल्ली में पानी आपूर्ति बाधित होने का आरोप लगाया, वहीं केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर पानी में ‘जहर’ मिलाकर भेजने का गंभीर आरोप लगाया।
दिल्ली के विकास के लिए सही दिशा में फैसले लेने की जरूरत है। टैक्स से मिले धन का सही इस्तेमाल, सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और झुग्गीवासियों के लिए स्थायी समाधान जैसी पहल को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
यह चुनाव दिल्ली के मतदाताओं के विवेक की परीक्षा है। उन्हें यह तय करना होगा कि वे किस दिशा में अपनी राजधानी का भविष्य देखना चाहते हैं। उन्हें भ्रामक आरोपों और वादों से ऊपर उठकर सुशासन, पारदर्शिता और विकास की बुनियाद पर आधारित निर्णय लेना होगा।
जहां तक आम आदमी पार्टी की सरकार में विकास की बात करें तो
‘आप’ की सरकार ने दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, जो भारतीय राजनीति में एक उल्लेखनीय उदाहरण बन गए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में इन क्षेत्रों में किए गए कार्यों ने न केवल गरीबों बल्कि मध्यम वर्गीय परिवारों के जीवन स्तर को भी बेहतर बनाया है।
दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए आप सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं। सरकारी स्कूलों की हालत सुधारने के लिए बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान दिया गया। पुराने और जर्जर स्कूल भवनों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया गया। स्मार्ट क्लासरूम, स्वच्छ शौचालय और विज्ञान प्रयोगशालाओं जैसी सुविधाएं प्रदान की गईं। शिक्षकों की दक्षता बढ़ाने के लिए उन्हें फ़िनलैंड, सिंगापुर और कैम्ब्रिज जैसे देशों में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया। छात्रों के मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए ‘हैप्पीनेस करिकुलम’ और देशप्रेम को बढ़ावा देने के लिए ‘देशभक्ति करिकुलम’ की शुरुआत की गई। इसके अलावा गरीब और वंचित वर्ग के छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा निःशुल्क उपलब्ध करवाई गई।
आप सरकार ने ‘मोहल्ला क्लीनिक’ और अन्य स्वास्थ्य सुधार कार्यक्रमों के जरिए दिल्लीवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं। छोटे-छोटे मोहल्लों में मोहल्ला क्लीनिक खोलकर आम लोगों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त में उपलब्ध करवाई गईं। इन क्लीनिक्स में दवाएं और जांच सुविधाएं मुफ्त प्रदान की गईं। सरकारी अस्पतालों की क्षमता बढ़ाई गई और अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराए गए। साथ ही, गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य बीमा योजनाएं शुरू की गईं।
आप सरकार की इन पहलों से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को भारी राहत मिली है। जहां पहले गरीब परिवार शिक्षा और स्वास्थ्य पर अधिक खर्च करने को मजबूर होते थे, वहीं अब वे इन सुविधाओं का निःशुल्क लाभ उठा पा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी की सरकार ने यह साबित कर दिया है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अभूतपूर्व सुधार किए जा सकते हैं। दिल्ली मॉडल ने न केवल भारतीय राज्यों बल्कि अन्य देशों के लिए भी एक आदर्श प्रस्तुत किया है।
इसको दिल्ली निवासी भी मानते हैं और इसी आधार पर केजरीवाल को एक बार फिर से सरकार बनने पर पूर्ण भरोसा है।