न्यूज डेस्क (नवदीप कुमार)- दिल्ली में विधानसभा चुनावों की आहट के साथ ही राजनीतिक माहौल गर्म हो चुका है। हर पार्टी अपने एजेंडे को लेकर मैदान में उतर चुकी है, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बड़ा दावा कर सियासी चर्चा को तेज कर दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता भगवंत मान ने कहा है कि इस बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी 60 से ज्यादा सीटें जीतकर सत्ता में वापसी करेगी।
शकूर बस्ती से उठा ‘आप’ का परचम
भगवंत मान ने यह बयान दिल्ली के शकूर बस्ती इलाके में पूर्व मंत्री और आप उम्मीदवार सत्येंद्र जैन के समर्थन में आयोजित एक रोड शो के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों ने पिछले तीन कार्यकालों में पार्टी की योजनाओं पर भरोसा किया है और एक बार फिर अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाने का मन बना लिया है।
‘आप’ की नीतियों पर भरोसा
भगवंत मान ने अपने संबोधन में कहा कि आम आदमी पार्टी की पहचान बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए क्रांतिकारी सुधारों से है। उन्होंने कहा, “दिल्ली में लोग जान चुके हैं कि उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने वाली पार्टी ‘आप’ ही है। ये विकास कार्य ही हमारी जीत की गारंटी हैं।”
बीजेपी और कांग्रेस पर हमला
मान ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनकी पार्टी के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं है। “वे हमें ‘रेवड़ी संस्कृति’ का नाम देते हैं, लेकिन जब जनता की भलाई की बात आती है, तो उन्हें कोई जवाब नहीं सूझता,” मान ने कटाक्ष किया। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग उन्हें पहले ही नकार चुके हैं और अब उनके पास कोई खास विकल्प नहीं बचा है।
दिल्ली-पंजाब का बढ़ता संबंध
पंजाब और दिल्ली के रिश्तों पर जोर देते हुए भगवंत मान ने कहा कि दोनों राज्यों के बीच एक मजबूत सांस्कृतिक और राजनीतिक रिश्ता है। उन्होंने पंजाब सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए दावा किया कि जिस तरह पंजाब के लोगों ने आप सरकार पर भरोसा जताया है, उसी तरह दिल्ली में भी पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिलेगी।
क्या कहती है जनता?
हालांकि, दिल्ली की राजनीति हमेशा से अप्रत्याशित रही है। भगवंत मान का दावा आत्मविश्वास से भरा है, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस भी अपना पूरा जोर लगा रही हैं। ऐसे में दिल्ली की जनता किस पार्टी को सत्ता की चाबी सौंपेगी, यह चुनाव परिणामों के बाद ही साफ होगा।
आम आदमी पार्टी के इस बड़े दावे ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। अब देखना यह होगा कि केजरीवाल का जादू फिर से चलता है या विपक्ष कोई नई रणनीति अपनाकर चुनावी समीकरण बदल देता है।