जालंधर–शिरोमणि अकाली दल द्वारा गुरप्रताप सिंह वडाला को फरीदकोट से पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था। लेकिन वडाला ने उक्त नियुक्ति से इनकार किया है। इस संबंध में गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा है कि अकाली दल द्वारा लिए गए फैसले अकाल तख्त साहिब के आदेशों के अनुसार होने चाहिए थे।
अकाल तख्त ने आदेश दिया था कि भर्ती 7 सदस्यों की देखरेख में की जाएगी। लेकिन अकाली दल ने उन्हें प्रत्येक जिले में अलग से दिया है। अकाली दल की भर्ती के लिए गठित सात सदस्यीय कमेटी को पूरी तरह से काम करना चाहिए था।गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा है कि हमें फरीदकोट जिले की बजाय पूरी 7 सदस्यीय कमेटी को जिम्मेदारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि यहां भी धार्मिक संकट है। उन्होंने कहा है कि हमारी पीढ़ियां अकाली दल के लिए काम करती आ रही हैं। मीरी-पीरी के सिद्धांत को कायम रखा जाना चाहिए।
वडाला ने कहा कि अकाली दल के सदस्यों की भर्ती 7 सदस्यीय कमेटी की निगरानी में होनी चाहिए थी, लेकिन जिले में इसे लागू करना आदेश का उल्लंघन है। उन्होंने कहा है कि पहले अकाल तख्त साहिब होना चाहिए और फिर सिद्धांत होने चाहिए।