राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने हंगामे की भेंट चढ़े संसद के शीतकालीन सत्र पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान किसी भी सार्थक मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि इस सत्र के दौरान जनता के असल मुद्दों से कोसों दूर राजनीतिक दलों के नेताओं ने एक-दूसरे को नीचा दिखाने में अपना सारा समय बर्बाद कर दिया है।
राज्यसभा सदस्य संत सीचेवाल ने कहा कि विरोध करना विपक्षी दल का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन विरोध को इस हद तक नहीं ले जाना चाहिए कि संसद सदस्य को शून्यकाल के माध्यम से मिलने वाला समय खराब किया जाए। क्योंकि यह एक मौका है जिसमें सभी दलों के नेता अपने मुद्दे सदन में रख सकते हैं। सीचेवाल ने कहा कि उनकी खेती-किसानी से जुड़े चार बार के मुद्दे पर तीन बार विदेशों में लड़कियों की मानव तस्करी के मामले फंस जाने के शून्य काल हंगामों की भेंट चढ़ गए।