हरियाणा सरकार का कहना है कि वह किसानों को खेतों में पराली न जलाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह के वित्तीय प्रोत्साहन दे रही है और राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में 67 फीसदी की कमी आई है, जबकि पंजाब ने किसानों को पराली जलाने के लिए 1200 करोड़ रुपये देने को कहा है और पराली जलाने से रोकने के लिए केंद्र से आर्थिक मदद की मांग की है।
आप को बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का कारण पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना बताया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार पराली को जलाए बिना उसका प्रबंधन करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 1,000 रुपये और फसल विविधता के लिए 7,000 रुपये दे रही है। पानी कम खर्च करने के लिए भी चार हजार एकड़ में धान की सीधी बुआई की गयी है।
हलफनामे में कहा गया कि रेड जोन से ग्रीन जोन में शामिल होने वाली पंचायतों को एक लाख रुपये और 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। उन्होंने कहा कि साल 2024 के दौरान किसानों को 9844 अतिरिक्त फसल अवशेष (सीआरएम) मशीनों का प्रबंधन किया गया है और वर्ष मशीन आवंटन 2018 से अब तक 1,00,882 सीआरएम मशीनें सब्सिडी पर प्रदान की गई हैं।