कैनेडा सरकार ने अब आरोप लगाया है कि कनाडा की धरती पर सिख अलगाववादियों को निशाना बनाने की साजिश के पीछे गृह मंत्री अमित शाह का हाथ है। हालांकि भारत सरकार ने किसी भी संलिप्तता से इनकार किया है और कनाडा के ऐसे सभी पिछले आरोपों को निराधार बताया है। द वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, कनाडाई अधिकारियों ने आरोप लगाया कि कनाडा में सिख अलगाववादियों को निशाना बनाकर हिंसा और धमकी के अभियान के पीछे अमित शाह का हाथ था।
मॉरिसन ने एक संसदीय समिति को बताया कि रिपोर्टर ने मुझे फोन किया और पूछा कि क्या यह (अमित शाह) वही व्यक्ति है। मैंने पुष्टि की कि यह वही व्यक्ति है। दूसरी तरफ ओटावा में भारतीय उच्चायोग और भारतीय विदेश मंत्रालय ने अभी तक इस पर कोई बयान जारी नहीं किया है।
एक न्युज एजंसी के मुताबिक खालिस्तानियों की मांग भारत से अलग होकर एक स्वतंत्र देश बनाने की है जिसे ‘खालिस्तान’ के नाम से जाना जाएगा। भारत में खालिस्तान आंदोलन 1980 और 1990 के दशक के दौरान हुआ था। इसके साथ ही 1984 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे भी हुए थे। इसमें हजारों लोग मारे गये। सिख अलगाववादियों को उखाड़ फेंकने के लिए सेना ने अमृतसर में सिखों के सबसे पवित्र तीर्थस्थल पर हमला कर दिया। बीजेपी नेता भी इसकी मांग कर रहे थे। बाद में बीजेपी के संस्थापक नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने अपनी किताब में इसकी पुष्टि की। जिसमें उन्होंने लिखा है कि हमारे (बीजेपी) दबाव के कारण इंदिरा गांधी को हरमंदिर साहिब में सेना के माध्यम से कार्रवाई करनी पड़ी।