एक तरफ गाजा में इजराइल और इस्लामिक ग्रुप हमास के बीच सशस्त्र युद्ध चल रहा है तो दूसरी तरफ दोनों के बीच जुबानी जंग भी चल रही है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के बावजूद गाजा पट्टी में युद्धविराम और कैदियों की रिहाई के समझौते पर प्रगति नहीं होने के लिए दोनों एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इस बीच, हमास ने मध्यस्थों के माध्यम से नवीनतम वार्ता के बाद इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर अमेरिका-समर्पित युद्धविराम प्रस्ताव में नई शर्तें और मांग जोड़ने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर, नेतन्याहू ने किसी भी बदलाव से इनकार किया और कहा कि हमास खुद मूल प्रस्ताव में कई बदलावों पर जोर दे रहा है।
हमास ने सोमवार को एक बयान में कहा कि मध्यस्थों ने जो रिपोर्ट दी है उससे यह स्पष्ट है कि नेतन्याहू किसी समझौते पर पहुंचने से बचने के लिए टाल-मटोल कर रहे हैं और उनसे नई शर्तें और मांगें जोड़ने के लिए कहा जा रहा है। हमास ने नेतन्याहू पर मध्यस्थ द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव से पीछे हटने का आरोप लगाया, जिसके बारे में उसने कहा कि यह पहले से ही एक इजरायली दस्तावेज़ पर आधारित था।
दूसरी ओर, नेतन्याहू के कार्यालय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह हमास नेतृत्व है जो प्रस्ताव में 29 बदलावों की मांग करके समझौते को रोक रहा है। इज़राइल के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि इज़राइल अपने सिद्धांतों पर कायम है, जैसे कि मूल प्रस्ताव के अनुसार अभी भी जीवित कैदियों की अधिकतम संख्या को रिहा करना, फिलाडेल्फिया कॉरिडोर (गाजा-मिस्र सीमा पर) और उत्तरी गाजा पर इज़राइल का नियंत्रण होगा। बेल्ट में आतंकियों और हथियारों की आवाजाही रोकी जाएगी।