चंडीगढ़, 16 जनवरी:
प्रवक्ता ने आगे बताया कि शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने अपनी रिश्तेदार के लिए विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करवाने के लिए सिविल सर्जन जालंधर के कार्यालय में एक ऑर्थोपेडिक्स विशेषज्ञ से संपर्क किया था, लेकिन ई-ट्राइसाइकिल खरीदने के लिए वह आवश्यक विकलांगता प्रतिशत प्राप्त नहीं कर सका। इसके बाद संबंधित डॉक्टर के कार्यालय के बाहर तैनात उक्त सुरक्षा गार्ड ने विकलांगता प्रमाण पत्र में प्रतिशत बढ़ाने के बदले 10,000 रुपये की मांग की। शिकायतकर्ता ने आरोपी के साथ हुई बातचीत को अपने फोन में रिकॉर्ड कर लिया और इसे सबूत के रूप में विजीलेंस ब्यूरो को जमा करवा दिया।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस शिकायत में लगाए गए आरोपों की पुष्टि के दौरान यह सही साबित हुए, क्योंकि इन्हें मौखिक सबूतों के साथ-साथ बातचीत की रिकॉर्डिंग के रूप में पेश किया गया। इस पुष्टि रिपोर्ट के आधार पर, उक्त आरोपी नरेंद्र कुमार के खिलाफ विजीलेंस ब्यूरो के थाना जालंधर रेंज में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि आरोपी को कल सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा और इस संबंध में आगे की जांच जारी है।