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संगरूर (ब्यूरो चीफ)– मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज संगरूर ज़िले में जत्थेदार करतार सिंह दरवेश के नाम से बने नए स्कूल ऑफ़ एमिनेंस का उद्घाटन किया। 3.40 करोड़ रुपये की लागत से अपग्रेड किए गए इस स्कूल को बच्चों को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए तैयार किया गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य है कि पंजाब में कोई भी बच्चा संसाधनों की कमी के कारण शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 118 सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों को स्कूल ऑफ़ एमिनेंस में बदला जाएगा। इनमें से अब तक 14 स्कूल चालू हो चुके हैं, 13 पूरे हो चुके हैं और 15 का निर्माण जारी है। बाकी स्कूल भी जल्द तैयार होंगे।
शिक्षा पर बढ़ता निवेश
मान सरकार ने शिक्षा को अपनी प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर रखा है। इस साल शिक्षा क्षेत्र के लिए 17,975 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जो राज्य के कुल बजट का लगभग 12% है। केवल स्कूल ऑफ़ एमिनेंस योजना के लिए 200 करोड़ रुपये का अलग से प्रावधान किया गया है। सरकार प्राथमिक स्तर पर भी बदलाव कर रही है। कई प्राथमिक विद्यालयों को “स्कूल्स ऑफ़ हैप्पीनेस” और 100 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को “स्कूल्स ऑफ़ ब्रिलियंस” में बदला जाएगा, ताकि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ बेहतर माहौल और रचनात्मकता के अवसर मिल सकें।
स्कूलों में बड़े बदलाव
पिछले तीन वर्षों में सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढांचे और तकनीक के स्तर पर बड़े बदलाव किए गए हैं
स्मार्ट क्लासरूम और आधुनिक कंप्यूटर लैब
वाई-फाई कनेक्टिविटी 17,000 से अधिक स्कूलों में
सोलर पैनल 4,000 से ज्यादा स्कूलों में
सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा गार्ड
साफ-सुथरे शौचालय, पीने का पानी और चारदीवारी की सुविधा
इन सुधारों के साथ, बच्चों को अब सुरक्षित और तकनीकी रूप से सक्षम स्कूल वातावरण मिल रहा है।
शिक्षकों की भर्ती और ट्रेनिंग
सरकार ने तीन साल में 9,518 नए शिक्षकों की भर्ती की है और 12,316 शिक्षकों को नियमित किया है। शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने के लिए अब तक 354 प्रिंसिपलों और शिक्षकों को सिंगापुर, फ़िनलैंड और आईआईएम अहमदाबाद जैसे संस्थानों में ट्रेनिंग दी गई है। हाल ही में 36 प्रिंसिपल्स का नया बैच सिंगापुर भेजा गया।
मुख्यमंत्री के मुताबिक, “जब शिक्षक दुनिया के बेहतरीन शिक्षा मॉडल देखेंगे और उनसे सीखेंगे, तभी वे बच्चों को बेहतर भविष्य दे पाएंगे।”
छात्रों के लिए मुफ़्त बस सेवा
दूरदराज़ इलाकों में रहने वाले छात्रों के लिए 125 सरकारी स्कूलों में लगभग 250 बसें चलाई जा रही हैं। इस सुविधा से रोज़ाना करीब 10,000 छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। इससे बच्चों की स्कूल छोड़ने की दर कम हुई है और शिक्षा की पहुंच बढ़ी है।
पंजाब की बढ़ती पहचान
सरकार का दावा है कि इन सुधारों की बदौलत पंजाब सरकारी शिक्षा में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो चुका है। सरकारी स्कूलों के छात्र अब NEET और JEE जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। ‘टीचिंग एट द राइट लेवल’ (TaRL) जैसे कार्यक्रमों से बच्चों की बुनियादी पढ़ने-लिखने और गणना करने की क्षमता में भी सुधार हुआ है। अभिभावकों का सरकारी स्कूलों पर भरोसा फिर से बढ़ा है, जो पेरेंट-टीचर मीटिंग्स में उनकी बढ़ती भागीदारी से साफ झलकता है।
नया स्कूल, नई उम्मीदें
संगरूर का यह नया स्कूल ऑफ़ एमिनेंस विज्ञान प्रयोगशालाओं, डिजिटल क्लासरूम, पुस्तकालय और खेल सुविधाओं से सुसज्जित है। यहाँ छात्रों को करियर काउंसलिंग और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए विशेष मार्गदर्शन भी मिलेगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “हमारा मकसद है कि सरकारी स्कूल किसी भी निजी संस्थान से कम न हों। पंजाब का हर बच्चा सर्वश्रेष्ठ शिक्षा पाए, यही हमारी असली सफलता होगी।