चंडीगढ़, 6 अप्रैल:
राज्य की शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पंजाब सरकार 7 अप्रैल से शुरू होने वाले 54 दिवसीय शिक्षा महोत्सव ‘शिक्षा क्रांति’ के शुभारंभ के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके तहत राज्यभर के 12,000 सरकारी स्कूलों में 2,000 करोड़ रुपये की लागत से बने नए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा।
पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री स हरजोत सिंह बैंस ने आज पंजाब भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस पहल की घोषणा की, जिस में उन्होंने राज्य सरकार की समान और आधुनिक शिक्षा प्रणाली वाला वातावरण सृजित करने की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया, ताकि विद्यार्थियों को वर्तमान युग की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह व्यापक बुनियादी ढांचा विकास कार्यक्रम सरकारी स्कूलों में आधुनिक शिक्षा सुविधाएँ प्रदान करने के उद्देश्य से नए कमरों के निर्माण और नवीनतम शैक्षणिक तकनीकों पर केंद्रित है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह पहल मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की राज्य के सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मान के निर्देशों अनुसार सरकारी स्कूलों को सभी आवश्यक बुनियादी सुविधाओं जैसे कि स्वच्छ पीने का पानी, हाई-स्पीड वाई-फाई कनेक्शन, लड़कियों और लड़कों के लिए अलग शौचालय, डेस्क-कुर्सियाँ और चारदीवारी से सुसज्जित किया गया है।
उन्होंने कहा कि पंजाब देश का पहला राज्य है जहाँ स्कूलों में कैंपस मैनेजर और सुरक्षा गार्ड नियुक्त किए गए हैं तथा विद्यार्थियों के लिए बस सेवा भी शुरू की गई है। वर्तमान में 10,000 से अधिक विद्यार्थी इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकारी स्कूलों के रख-रखाव पर प्रतिवर्ष 200 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जा रहे हैं।
स बैंस ने कहा कि “शिक्षा क्रांति” के पहले दिन, कैबिनेट मंत्रियों और अन्य विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा 350 से अधिक सरकारी स्कूलों में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा। पंजाब के मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान और ‘आप’ पंजाब के प्रभारी श्री मनीष सिसोदिया शहीद भगत सिंह नगर में स्कूल ऑफ एमिनेंस का उद्घाटन करेंगे।
पंजाबवासियों को “शिक्षा क्रांति” का साक्षी बनने का न्योता देते हुए स बैंस ने कहा कि राज्य के लोगों को इस शिक्षा महोत्सव का हिस्सा बनने के लिए अपने नजदीकी स्कूलों का दौरा करना चाहिए।
इस विशेष कार्यक्रम के प्रमुख बिंदुओं को उजागर करते हुए स बैंस ने बताया कि 6,812 स्कूलों में नई चारदीवारियाँ बनाई गई हैं या उनकी मरम्मत की गई है, जिससे लगभग 1,000 किलोमीटर के क्षेत्र में स्कूलों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। कक्षा कक्ष सुविधाओं को बढ़ाते हुए 5,399 नए कक्ष बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, 2,934 स्कूलों में 2,976 शौचालय बनाए गए हैं, जबकि 4,889 स्कूलों में 7,166 शौचालयों की मरम्मत की गई है। विद्यार्थियों की शैक्षणिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु 1,16,901 डबल डेस्क, मेज और कुर्सियाँ उपलब्ध करवाई गई हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि हर विद्यार्थी के पास स्कूल में बैठने के लिए उपयुक्त स्थान हो। इसके अलावा, शारीरिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए 359 खेल मैदान तैयार किए गए हैं। 1,886 स्कूलों में 2,261 स्मार्ट क्लासरूम स्मार्ट इंटरएक्टिव पैनलों से सुसज्जित किए गए हैं, जो शिक्षा को तकनीक से जोड़कर शिक्षण को अधिक रोचक बनाते हैं।
उन्होंने आगे बताया कि पहले चरण में 118 मौजूदा सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को स्कूल ऑफ एमिनेंस में अपग्रेड किया जा रहा है, जबकि 14 स्कूल ऑफ एमिनेंस पहले ही जनता को समर्पित किए जा चुके हैं। ये स्कूल उत्कृष्टता के केंद्र होंगे, जो समकालीन शिक्षण पद्धतियों द्वारा विद्यार्थियों के अनुभवों को समृद्ध करेंगे। ये स्कूल कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए तैयार किए गए हैं। इनमें सभी शैक्षणिक विषयों की शिक्षा प्रदान की जा रही है। विद्यार्थियों को निःशुल्क यूनिफॉर्म दी जा रही है। इसके अतिरिक्त, सशस्त्र बलों में भर्ती, नीट, जे ई ई, सी एल ए टी , एन आई एफ टी जैसी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन/ऑफलाइन कोचिंग भी प्रदान की जा रही है।