चंडीगढ़, 7 दिसंबर:
श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि इन कंपनियों को पारदर्शी और निविदा प्रक्रिया के माध्यम से चुना गया है। इन पंपों को लगाने का कार्य चार महीनों के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि 3, 5, 7.5 और 10 एचपी क्षमता वाले सोलर पंपों के लिए सामान्य श्रेणी के किसानों को 60% और अनुसूचित जाति के किसानों को 80% सब्सिडी उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि “डार्क ज़ोनो” (जहां भूमिगत पानी गहराई में चला गया है) में ये सोलर पंप उन किसानों के बोरवेल पर लगाए जाएंगे, जो पहले से माइक्रो सिंचाई प्रणाली (ड्रिप या स्प्रिंकलर) का उपयोग कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि इन सोलर पंपों के लगने से किसानों को सिंचाई के लिए रात के समय खेतों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि ये पंप दिन के समय काम करेंगे। इससे न केवल डीज़ल पर आने वाला खर्च बचेगा, बल्कि शून्य प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन होगा, जिससे अधिक टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा मिलेगा।
श्री अमन अरोड़ा ने पेडा के अधिकारियों को किसानों की भलाई के लिए और अधिक कृषि सोलर पंप लगाने के प्रयास करने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर पेडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री संदीप हंस, निदेशक श्री एम.पी. सिंह और संबंधित कंपनियों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।