पंजाब के 4727 एस.सी. परिवारों को बड़ी राहत, मान सरकार ने माफ किया 68 करोड़ का कर्ज

चंडीगढ़ 3 जून – पंजाब सीएम भगवंत मान की अगुआई में कैबिनेट मीटिंग में बड़ा फैसला लिया है। आज एससी परिवारों का कर्ज माफ करने का फैसल लिया है। सीएम ने कहा कि हजारों परिवारों के लिए राहत का दिन है। बजट में जो फाइनेंस मंत्री ने वादा किया था। उस पर कैबिनेट की मोहर लगी है। 68 करोड़ का कर्ज एससी परिवारों पर बकाया था।

मुख्ममंत्री भगवंत मान  ने कहा कि 31 मार्च 2020 तक जिन एससी परिवारों ने कर्ज लिया था, सरकार ने उन्हें माफ कर दिया है। 2025 के बजट में सरकार ने 4727 एससी लोगों का 68 करोड़ का कर्ज माफ किया। यह संस्था अब तक 847 करोड़ का इस साल कर्ज दे चुकी है। सीएम मान ने कहा कि तय तारीख के बाद से लोगों को अब कोई ब्याज या लिया कर्ज नहीं देना पड़ेगा।

20 साल पुराने है कर्ज, किसी ने माफ नहीं किए

सीएम ने बताया कि बीस साल का लोगों का कर्ज माफ किया गया है। इस कर्ज में 30 करोड़ मूल धन, 23 करोड़ ब्याज और 15 करोड़ पेनल इंट्रस्ट है। यह पिछले 20 सालों से बकाया राशि थी। लेकिन पिछले समय में किसी भी सरकार ने इस दिशा में फैसला नहीं लिया है। पंजाब सरकार नशे खत्म करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि नशों के खिलाफ कितना बड़ा युद्ध छेड़ रखा है। हमारी नियम में कोई समस्या नहीं है।

सीएम ने कहा कि कर्ज लेना किसी का कोई शौक नहीं होता है। कोई नहीं सोचता कि कर्ज ले लेंगे और बाद में माफ कर देंगे। उन्होंने कहा लोग मेहनत करते है। लेकिन कई बार हालात ऐसे नहीं रहते है कि वह इसे भर पाए। कोऑपरेटिव बैंक का रिकवरी रेट माइन्स में चल रहे है। लेकिन धूरी में यह रिकवरी रेट बहुत अच्छा है।

हमने सभी बैंक को सलाह दी है कि इस सिस्टम को फालोअप करे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बड़े फैसले होंगे। किसानों से लेकर वह किसी भी वर्ग हो। हमारा मुख्य उद्देश्य पंजाब को दोबारा रंगला पंजाब बनाना है। माला से एक मनका निकाल दे तो वह माला नहीं रहती है।

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि जब इस साल का बजट बनाया जा रहा था तभी उसमें यह प्रबंध किए। अनुसूचित जातियों के भूमि विकास का लिया कर्जा की रिकवरी रेट 84 फीसदी है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद सिंदूर बांटने के कार्यक्रम और लुधियाना पश्चिमी उपचुनाव में ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर वोट मांगने पर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री मान ने कटाक्ष करते हुए कहा कि कहीं देश में ‘वन नेशन वन हस्बैंड’ न लागू कर दिया जाए।

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