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LNT Chairman Anil Manibhai Naik Success Story: आपने आज तक सफलता की कई कहानियां सुनी या पढ़ी होगी, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के सफलता की कहानी बनाते वाले हैं कि जिसने अपनी मेहनत और दिमाग से कुछ ही सालों में 0 से 419000 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति बनाई है। हम बात कर रहे हैं लार्सन एंड टुब्रो के एमेरिटस (LNT) के चेयरमैन अनिल मणिभाई नाइक की। जाहिर है कि अनिल मणिभाई नाइक के लिए जूनियर इंजिनीयर से 419000 करोड़ रुपए के मालिक बनने का सफर नहीं रहा होगा। आज LNT निर्माण, ऑटोमोबाइल, विनिर्माण समेत कई सेक्टरों में शामिल है।
पिता एक स्वतंत्रता सेनानी
मौजूदा समय में LNT का मार्केट कैप 419000 करोड़ रुपये से अधिक का है और अनिल मणिभाई नाइक वह व्यक्ति हैं जिन्हें कंपनी की इस सफलता का श्रेय जाता है। अनिल मणिभाई नाइक को अपने मैनेजिंग स्कील, लॉन्ग विजन और काइंडनेस के लिए जाना जाता है। अनिल मणिभाई नाइक के पिता मणिभाई निचाभाई नाइक एक स्वतंत्रता सेनानी थे। उनके पिता ने ग्रामीण भारत में योगदान देने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी थी।
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पहली बार आवेदन अस्वीकार
1942 में गुजरात में जन्मे एएम नाइक ने 1965 में जूनियर इंजीनियर के रूप में 760 रुपये के वेतन के साथ कंपनी में शामिल हुए। उनके पास बिड़ला विश्वकर्मा महाविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री थी। जो LNT में नौकरी करने के लिए योग्य नहीं थी। पहले तो LNT ने उनके आवेदन को अस्वीकार कर दिया। लेकिन कुछ समय बाद अनुभव के आधार पर उनके आवेदन को स्वीकार कर लिया गया।
नौकरी लगने के 6 महीने के भीतर, उन्हें सुपरवाइर की पोस्ट पर प्रमोशन दे दिया गया। कंपनी में शामिल होने के 18 महीने बाद उन्हें 800 लोगों का प्रभारी बना दिया गया। उस वक्त वह 25 साल के भी नहीं हुए थे।
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बने कंपनी के CEO
एएम नाइक ने कई इंटरव्यू में बताया है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह जिस पोजिशन पर हैं, उसे हासिल कर पाएंगे। उन्हें लगता था कि वह 1000 रुपये की सैलरी पर रिटायर हो जायेंगे। साल 1999 में वो कंपनी के CEO बने। जुलाई 2017 में उन्हें LNT ग्रुप का अध्यक्ष बना दिया गया। इसके बाद कंपनी की कुल संपत्ति बढ़कर 870 करोड़ डॉलर हो गई। यह इस तथ्य के बावजूद है कि वह सबसे अधिक वेतन पाने वाले कॉर्पोरेट लीडर्स में से एक हैं।
142 करोड़ रुपये का दिया दान
2017-2018 में कंपनी ने उन्हें 137 करोड़ रुपये का भारी भरकम भुगतान किया। कंपनी ने छुट्टियों के दिन उन्हें काम करने पर 19 करोड़ रुपये से अधिक में वेतन दिया। 2016 में उनकी कुल संपत्ति 400 करोड़ रुपये आंकी गई थी। इसके अलावा वह देश के सबसे बड़े दानवीरों में से एक हैं। 2016 में, उन्होंने अपनी पूरी कमाई का 75 प्रतिशत हिस्सा दान में देने की घोषणा की थी। साल 2022 में वह भारत के टॉप 10 दानदाताओं में शामिल थे। उन्होंने अब तक 142 करोड़ रुपये का दान दिया है। वह भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से भी सम्मानित हैं।
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